यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी

मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?


लेबनान मे गृहयुद्ध प्रभावित एरिया का निरीक्षण करता ओबैसी

मित्रों, क्या भारत धर्मनिरपेक्ष है ? क्या भारत संयुक्तराष्ट्र के सिधांतों को मानता है ? क्या भारत मे हिंदू और मुस्लिम लोगो और उनके नेताओ के बीच भेदभाव नही किया जाता ? यदि हाँ तो फिर राहुल गाँधी का सबसे करीबी दोस्त और यूपीए का सांसद असदुद्दीन ओबैसी भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन हमास और हिजबुल्लाह के खूखार कमांडरों के साथ बार बार मिलने लेबनान के बेरुत और दहिल्या शहर मे क्यों जाता है ?

मित्रों, इजराइली ख़ुफ़िया एजेन्सी मोसाद ने भारत सरकार को कई बार पत्र लिखकर कहा है कि आपका सांसद जो आपकी सरकार को समर्थन दे रहा है वो इजरायल मे आतंकवाद फैला रहा है और साथ ही भारत के गरीब मुस्लिम युवको का ब्रेनवाश करके उन्हें हमास और हिजबुल्लाह के लिए भर्ती करता है | लेकिन चूँकि भारत की कांग्रेस सरकार को सिर्फ हिंदू ही आतंकवादी नजर आते है इसलिए भारत सरकार ओबैसी को खुलेआम छुट दे दिया है |

मित्रों अभी कुछ दिन पहलेसंसद मे आसाम पर चर्चा के दौरान ओबैसी ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की उपस्थिति मे कहा कि "यदि भारत सरकार आसाम मे मुसलमानों का चाहे वो प्रवासी क्यों न हो ठीक ढंग से पुनर्वास नही करती और उन्हें उचित मुवावजा नही देती तो फिर भारत का मुसलमान इस देश की ईंट से ईंट बजा देंगे" लेकिन किसी भी कांग्रेसी सांसद ने ओबैसी के इस बयान की निंदा नही की | और तो और मीडिया ने भी इसको ब्रेकिंग न्यूज़ नही बताया सिर्फ टाइम्स नाउ ने ही इस खबर पर चर्चा की |

सबसे बड़ी चौकने वाला खुलासा ये है कि ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट राहुल गाँधी की सिपारिश पर मिला था जबकि खुद आन्ध्रप्रदेश की कांग्रेस की ही सरकार की ख़ुफ़िया पुलिस ने ओबैसी को डिप्लोमेटिक पासपोर्ट न देने की रिपोर्ट भेजी थी लेकिन जब राहुल गाँधी ने इस मामले मे हस्तक्षेप किया जब जाकर विदेश मंत्रालय ने ओबैसी को बिना किसी योग्यता और अहर्ता के डिप्लोमेटिक पासपोर्ट इस्शु कर दिया |

मित्रों, साधारण  पासपोर्ट का कलर नीला होता है बल्कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का कलर मैरून होता है और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखने वाले व्यक्ति की किसी भी हवाईअड्डे पर तलाशी नही होती और इन्हें "वीजा आन अराइवल" की भी सुविधा होती है और ये पासपोर्ट केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केबिनेट स्तर के मंत्री और राज्यों मे मुख्यमन्त्रियो और राजदूत तथा दूतावास मे सचिव स्तर के अधिकारियों  को ही इस्शु हो सकता है | 


मित्रों, हिजबुल्लाह आज विश्व का सबसे बड़ा आत्मघाती दस्ते वाला आतंकवादी संगठन है जो छोटे छोटे बच्चो को अपने आत्मघाती दस्ते मे भर्ती करता है | लेबनान पहले धर्मनिरपेक्ष देश था और वहाँ ४% हिंदू और १०% यहूदी  भी रहते थे | लेबनान जहां पहले ८०% ईसाई तथा अन्य धर्म और २०% मुस्लिम रहते थे और लेबनान विश्व का बहुत तेजी से तरक्की करता हुआ मुल्क था | और इसकी राजधानी बेरुत को विश्व का गोल्ड केपिटल कहा जाता था क्योकि बेरुत विश्व की सबसे बड़ी सोने की मण्डी थी | इतना ही नही खूबसूरत लेबनान मे कई हालीवुड और बोलिउड की फिल्मो की शूटिंग होती थी | रामानंद सागर ने सत्तर के दशक मे धर्मेन्द्र और माला सिन्हा को लेकर एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम "आखें' उस फिल्म की 80% शूटिंग बेरुत मे हुई थी और कई गाने जैसे "मिलती है जिंदगी मे मोहब्बत कभी कभी" की शूटिंग भी बेरुत मे ही हुई |



लेकिन लेबनान की तरक्की और खुशहाली पर लेबनान  के मुस्लिम लीडरो ने ग्रहण लगा दिया |मस्जिदों मे और अपने सम्मेलनों के मुसलमानों को खूब बच्चे पैदा करके लेबनान पर क्ब्ज्जा करने की बाते करते थे | फिर धीरे धीरे लेबनान का जनसंख्या का संतुलन बिगड गया और फिर लेबनान 25 सालो से गृहयुद्ध की चपेट मे आ गया | आज लेबनान के दो हिस्से है उत्तरी लेबनान जिसमे ईसाई और अन्य धर्मो के लोग रहते है और दक्षिण लेबनान जहां मुस्लिम रहते है उसी तरह राजधानी बेरुत का भी दो अघोषित हिस्सा है जहां एक तरह ईसाई और दूसरी तरफ मुस्लिम रहते है |


मित्रों, जब भी कोई सांसद विदेश यात्रा करता है तो उसे लोकसभा अध्यक्ष की लिखित अनुमति लेनी पडती है भले ही वो उसकी निजी यात्रा ही क्यों न हो | एक आरटीआई के जबाब मे मीरा कुमार ने पहले बताया कि उनके पास ऐसी कोई फ़ाइल नही आई जिसमे ओबैसी ने लेबनान और सीरिया के यात्रा की अनुमति मांगी हो |


अब सवाल ये उठता है कि आखिर इतना घोर साम्प्रदायिकता फ़ैलाने वाला ओबैसी को कांग्रेस साम्प्रदायिक क्यों नही मानती ? 


मित्रों, कांग्रेस की नजर मे  सिर्फ भारत के हिंदू ही साम्प्रदायिक है | अगर कोई भारत मे हिंदू हित की बात करेगा तो वो घोर साम्प्रदायिक और राजनितिक रूप से अछूत बन जायेगा | पूरी मीडिया और कांग्रेस सहित कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपनी दुकान चलाने वाली छोटी पार्टियां सब उसको साम्प्रदायिक घोषित कर देंगे | लेकिन यदि कोई सिर्फ मुस्लिम हित की ही बात करेगा तो वो धर्मनिरपेक्ष माना जायेगा | यहाँ मैंने "सिर्फ" इसलिए लिखा है क्योकि ओबैसी ने आजतक संसद मे सिर्फ मुस्लिम हित और मुस्लीमों के बारे मे ही मुद्दे उठाये है और सिर्फ मुस्लिम लोगो की ही मदद करते है यहाँ तक आसाम मे भी जो उन्होंने रिलीफ कैम्प लगाया उसके उपर लिख दिया " only for muslims" इन्होने सानिया मिर्जा को कई बार सम्मानित किया लेकिन जब एक पत्रकार ने इसने पूछा कि आप सानिया नेहवाल को कब सम्मानित करेंगे तो ये माइक फेक दिये |

मित्रों, आंध्रप्रदेश की कांग्रेस सरकार की ही आईबी हैदराबाद मे भडके कई दंगो के लिए ओबैसी बंधुओ को जिम्मेदार बताती है यहाँ तक की केन्द्र की ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी कई बार गृहमंत्रालय को ओबैसी के संदिग्ध गतिबिधियों के बारे मे चेतावनी दी है | लेकिन सब बेकार |

सोचिये क्या राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी नरेंद्र मोदी या तोगड़िया या अशोक सिंघल जी के साथ फोटो खिचवा सकते है ? नही क्योकि ये लोग तो हिन्दुवादी है और भारत मे हिन्दुवादी होना सबसे बड़ा अपराध है |


लेकिन वहीराहुल गाँधी और सोनिया गाँधी ओबैसी के साथ कई कई घंटो तक बैठते है और उसके साथ फोटो खिचवाते है | क्योकि सोनिया ने जो काला कानून "साम्प्रदायिक हिंसा निवारण बिल" बनाया था उसके अनुसार तोसिर्फ हिंदू ही दंगाई होते है, हिंदू हिंसक होते है और हर बार सिर्फ हिंदू ही पहले दंगे भड़काते है |


मित्रों, सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारत की मीडिया और कांग्रेस की हिन्दुओ के बारे मे इस दोगली मानसिकता का जिम्मेदार कौन है ? 

मित्रों, इसके जिम्मेदार हम सब हिंदू  खुद ही है | ये हम हिंदू ही है जो सब कुछ जानते समझते हुए भी जतिपति और दूसरे छोटे छोटे मुद्दों और कांग्रेस के द्वारा दिये गए झूठे लालचो और प्रलोभनों के बहकावे मे आकर इस कांग्रेस को वोट देकर इसे मजबूत करते है | हिंदू मित्रों, अपने बारे मे तो नही कम से कम पचास साल बाद आने वाली अपनी हिंदू पीढियों के बारे मे सोचो | जो हाल पाकिस्तान, सीरिया, लेबनान, इंडोनेशिया, फिलीपींस और भारत मे कश्मीर, केरल और आसाम मे हिन्दुओ के साथ हुआ है और जो आज हिंदू इन जगहों पर पर अत्याचार झेल रहे है वही आज के पचास सालो के बाद पूरे भारत मे झेलेंगे |

           

                     जय हिंद !!! जय भारत !!! वन्देमातरम !!

1 टिप्पणी:

सूबेदार ने कहा…

बहुत अच्छी जानकारी सभी हिन्दुओ के लिए शिक्षाप्रद----! बहुत-बहुत धन्यबद।