आतंकवाद का कारण है इस्लाम



जो मुसलमान कहते हैं इस्लाम तो शांति का मजहब है वे यह बताए कि जब सारी दुनिया के मुसलमान इन बातों पर सहमत हैं कि इस्लाम ही एकमात्र सच्चा धर्म है http://www.islamhouse.com/p/289311 तो शांति कैसे आ सकती है ? अब वे यह बात क्यों कहते हैं या तो वे इस्लाम के मूल सिद्धान्त को नहीं जानते या फिर वे हिन्दुऒं को मूर्ख बनाने के लिए एसा कहते हैं । अन्य धर्मावलम्बयों को इस्लाम की शांति समझाने से पहले वे स्वयं आपस में एकमत हो जाएं । भारत के मुसलमानों को इस फतवे का जवाब देना होगा व यदि नहीं देते तो फतवे को ठीक मानकर हिन्दुऒं को जिहाद का जवाब देने के लिए तैयार हो जाना चाहिए । यह फतवा सभी सेक्यूलर कहलाने वाले नेताऒं के मुंह पर तमाचा है । इसे पढ़ने के बाद वे किस मुंह से इस्लाम की तरफदारी करेंगे? हिन्दुओं की मूल समस्या यह है कि वे जैसे स्वयं हैं इस्लाम व ईसाइयत को भी उसी श्रेणी में रखते हैं और इसी कारण वे आज तक इसलाम के हाथों मार खाते रहे हैं । :
उक्त फतवे से यह स्पष्ट हो गया है कि मुसलमान किसी भी देश में अन्य धर्मावलम्बियों के साथ नहीं रह सकते हैं । सऊदी आरब की साइट इस्लाम हाउस में एक फत्वा इसी विषय पर लिया गया है । विषय है

‘‘ क्या अन्य धर्मों की इस्लाम के साथ एकता स्थापित की जा सकती है ।”

इस फतवे को पढ़कर समस्त देशवासी जवाब दें कि क्या इस्लाम व मुसलमानों से कुरआन व शरीयत में एसी खतरनाक बातों के रहते विश्वास किया जा सकता है ? मुसलमान जवाब दें कि इनमें कौन सी बात वे भारत के मदरसों में नहीं पढ़ाते हैं ? क्या उन्होंने कुरआन व हदीस को संशोधित करके पढ़ाना शुरू कर दिया है ?यदि नहीं तो वे हिन्दुऒं के किसी भी प्रतिकार पर शोर मचाना बंद कर दें क्योंकि यह संविधान